लखीमपुर खीरी हिंसा के खिलाफ यूपी भवन पर विरोध प्रदर्शन; कई कार्यकर्ता हिरासत में



दिल्ली: उत्तर प्रदेश भवन पर 4 अक्तूबर, सोमवार को कई राजनीतिक पार्टियों, जनसंगठनों तथा छात्रों व युवाओं ने लखीमपुर खीरी(उत्तर प्रदेश) में प्रदर्शन कर रहे किसानों को गाड़ी से कुचलकर हत्याओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। उत्तर प्रदेश भवन पर तैनात पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए एकट्ठा हुए कार्यकर्ताओं को बलपूर्वक हिरासत में लेकर मंदिर मार्ग पुलिस थाने में देर शाम तक रखा। बताना चाहेंगे कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में किसान तीन कृषि कानूनों और यूपी उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, प्रदर्शन के दौरान उन्हें बेरहमी से भाजपा समर्थक गुंडों द्वारा गाड़ी से कुचल दिया गया। यह बात सामने आई है कि किसानों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन खत्म होने ही वाला था जब केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे और उनके समर्थकों ने प्रदर्शनकारी किसानों पर गाड़ी से हमला किया। प्राप्त हुई रिपोर्ट के अनुसार 4 किसान और कुछ अन्य लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके अतिरिक्त कई किसानों को गंभीर चोटें भी आई हैं।


ज्ञात हो कि किसान आंदोलन को 1 साल होने को आया है। किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए निरंतर संघर्षरत हैं। किसान संगठनों और ज्ञात रिपोर्ट के अनुसार किसान आंदोलन के दौरान हुए पुलिस दमन और हिस्सा के दौरान सैंकड़ों किसान आंदोलन में अपनी जिंदगी गंवा चुके है। इस संबंध में प्रदर्शन में मौजूद लोगों से बात करने पर उन्होने संवाददाता को बताया कि "सत्ता के नशे में चूर तानाशाह मोदी सरकार सभी हथकंडे अपनाकर आंदोलन का दमन करने का निरंतर प्रयास कर रही है। मोदी सरकार सिर्फ किसान आंदोलन को ही नहीं बल्कि हर तरह के जन-आंदोलन को कुचल देना चाहती है। असम में हाल ही में अपने घर बचाने के लिए संघर्ष कर रहे मजदूर हों या किसान आंदोलन, सरकार हर उस आवाज़ को दबा देना चाहती है जो उसके विरोध में आवाज़ बुलंद करता है। पिछले 7 सालों में जो भाजपा सरकार ने दिखाया है कि वो हर तरह के जन-आंदोलन को कुचलने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।"

इसके साथ ही बताना चाहेंगे कि हाल ही में हरियाणा के सीएम खट्टर ने किसान आंदोलन को लेकर दिए गए अपने बयान कहा कि ‘किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए आप भी लाठी-डंडों का प्रयोग करो, सरकार आप के साथ है’। प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे क्रांतिकारी युवा संगठन के कार्यकर्ता शाहयार ने इस बयान के संबंध में कहा कि "सीएम खट्टर का बयान उनकी फासीवादी मानसिकता की झलक मात्र है। सरकार के मुखिया द्वारा ऐसा बयान देने से साफ है कि सरकार की आंदोलन के प्रति क्या सोच है।"


प्रदर्शन में मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता एवं वकील राहुल ने लखीमपुर खीरी में नरसंहार की कड़े-से-कड़े शब्दों में भर्त्सना की। साथ ही उन्होने ने सरकार से अजय मिश्रा टेनी को उनके पद से तुरंत बर्खास्त करने की मांग की है।

इस प्रदर्शन में राजनैतिक पार्टियों में काँग्रेस, सीपीआई(एम), सीपीआई(एम-एल), आरएलडी मौजूद थे। छात्र व युवा संगठनों में केवाईएस, डीवाईएफआई, एसएफआई, आइसा इत्यादि मौजूद रहे।


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